"शुरुवात" तो करना चाहा,
मगर अंत ना मिला...
"किस्मत" से लड़ना चाहा,
मगर वक़्त ना मिला...
"उड़ना" तो खूब चाहा,
मगर पंख ना मिला...
यूँ ही नहीं कहते लोग,
"दुनिया बहुत जालिम हैं"
"रोना" तो खूब चाहा,
मगर कोई संग ना मिला...
via : पवन
http://blog.pawanmall.net
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